Add To collaction

लेखनी प्रतियोगिता -10-Jun-2022 तारिक अजीम

यादों से  तेरी दिल  को सजाता रहा हूँ मैं,
हर लम्हा तुमको अपना बनाता रहा हूँ मैं!

महफूज़  कर  रहा हूँ तुझे धड़कनो में यूँ,
तस्वीर   तेरी  दिल  से लगाता  रहा हूँ मैं!

अहबाब  भी  मुझे  यूँ  अब  छोड़ने लगे, 
मय्यत-ए-दोस्ती को   उठाता   रहा हूँ मैं!

हूँ मैं अना-परस्त, मुझसे कैसे हो निबाह,
यूँ भी तो अपनी हस्ती मिटाता रहा हूँ मैं!

क्यों कोई मुझसे दूर हो, कोई परेशां हो,
'तनहा' ही सबसे दूर जाता रहा हूँ मैं।

तारिक़ अज़ीम 'तनहा'

   19
9 Comments

Simran Bhagat

09-Sep-2022 10:30 PM

👍👍👍

Reply

Seema Priyadarshini sahay

11-Jun-2022 04:49 PM

Nice sir

Reply

Dr. Arpita Agrawal

11-Jun-2022 02:05 PM

Beautiful 👌👌

Reply